मुझे तो सद्गुरु मिल गए ...... (भजन)
बरसों से थी दिल में एक तमन्ना ,
आज पूरा हुआ वो मेरा सुन्दर सपना ,
मेरे तो भाग जग गए .......
मुझे तो सद्गुरु मिल गए......
सद्गुरु की हुई मुझपर ऐसी कृपा-दृष्टि ,
मुझपर की अपने अपार स्नेह की वृष्टि ,
मेरे सभी पाप धुल गए .......
मुझे तो सद्गुरु मिल गए......
भवसागर से मुझे पार उतारने केलिए ,
मेरी जीवन-नईया को खेने के लिए ,
मेरे खेवनहार वो बन गए.....
मुझे तो सद्गुरु मिल गए......
मुझे माया से है वोह सदा बचाते ,
मुझे सदा सु-मार्ग भी वो दिखलाते ,
मेरे सच्चे मनमीत बन गए....
मुझे तो सद्गुरु मिल गए ........
झूठी है दुनिया की धन-दौलत,
किस काम की यह एशो-इशरत ,
उनका दर्शन ,उनकी भक्ति का मिली मुझको ,
मुझे तो खजाने मिल गए ....
मुझे तो सद्गुरु मिल गए.....
अब गर थाम लिया है मेरा हाथ सद्गुरु,
तो यह हाथ कभी मत छोड़ना ,
चाहे कैसे भी हो हालात या बुरी घडी ,
मेरा साथ कभी मत छोड़ना ,
मेरे तो तुम अब हम सफ़र बन गए ......
मुझे तो सद्गुरु मिल गये....
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