भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व श्री राजीव-गाँधी जी की पुण्यतिथि पर विशेष
हे राजीव ! तुम्हें नमन (कविता)
हे राजीव ! तुम्हे नमन ,
आज ह्रदय में महका है पुन :
तुम्हारी यादों का चमन .
इस गुलिस्ताँ -ऐ- वतन का हर ,
फूल और कली तुम्हारा पता पूछे है .
कैसे हो ? ,कहाँ हो ? क्यों चले गए तुम ,
जाने कितने सवाल पूछे है.
नवयुग की पहचान तुम थे ,
थे आधुनिक भारत के स्वप्न-दृष्टा .
थमाकर कंप्यूटर व् लैपटॉप ,हमें
डिजिटल वर्ल्ड से जोड़ा राष्ट्र .
गाँव -गाँव ,और शहर -शहर में,
विज्ञान , प्रोधोगीकी व् नविन तकनिकी .
जन-जन की आर्थिक उन्नति हेतु ,
देश के चहुंमुखी विकास रक्षा की नयी तकनिकी
अपना बुध्धिकौशल , अपना अपूर्व ज्ञान ,
अपना सम्पूर्ण जीवन देश पर वार दिया.
आया जब इम्तेहान कुर्बान होने का,
तो मौत के सामने खुद को हार दिया.
हे निष्कपट ,निश्छल प्यारी सोम्य मूर्ति ,
तुम्हारी भोली ,मीठी मुस्कान कैसे पायेंगे /
तुम्हारे सद्गुणों ,तुम्हारी महानता ,
और तुम्हारे योगदान को कैसे भूल पायेंगे ?
तुमने पा लिया स्थान ईश्वर के चरणों में,
मगर ह्रदय में हमारे तुम सदा वास करोगे .
बदले जितने भी युग, और देश की सरकारें,
देश या विदेश ,जन-जन की यादों में तुम रहोगे.
जन-जन की आर्थिक उन्नति हेतु ,
देश के चहुंमुखी विकास रक्षा की नयी तकनिकी
अपना बुध्धिकौशल , अपना अपूर्व ज्ञान ,
अपना सम्पूर्ण जीवन देश पर वार दिया.
आया जब इम्तेहान कुर्बान होने का,
तो मौत के सामने खुद को हार दिया.
हे निष्कपट ,निश्छल प्यारी सोम्य मूर्ति ,
तुम्हारी भोली ,मीठी मुस्कान कैसे पायेंगे /
तुम्हारे सद्गुणों ,तुम्हारी महानता ,
और तुम्हारे योगदान को कैसे भूल पायेंगे ?
तुमने पा लिया स्थान ईश्वर के चरणों में,
मगर ह्रदय में हमारे तुम सदा वास करोगे .
बदले जितने भी युग, और देश की सरकारें,
देश या विदेश ,जन-जन की यादों में तुम रहोगे.
तुम्हारेे जन्म दिवस पर ,
इसस पुण्य दिवस पर ,
हे राजीव ! तुम्हें कोटि-कोटि नमन.
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